जिसे भुलाया नहीं जा सका
जब कोई इंसान किसी से प्यार करता है,
तो वह हमेशा उसकी खुशी के बारे में सोचता है।
अगर वह किसी और से शादी कर चुका हो,
तो भी उसके दिल में यही चाह रहती है
कि जिससे उसने कभी प्यार किया था,
उसकी शादी भी जल्दी किसी अच्छे इंसान से हो जाए।
यही तो प्यार होता है
हमेशा उसके लिए अच्छा सोचना।
वह दिल से चाहता है
कि उसे ज़िंदगी की सारी खुशियाँ मिलें,
एक खुशहाल और सुकून भरी ज़िंदगी मिले।
कभी कभी वह यह भी समझता है
कि उसके लिए खुद को उससे दूर कर लेना ही सही है,
ताकि वह अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ सके
और अपने भविष्य पर अच्छे से ध्यान दे सके।
लेकिन सच यह भी था कि
उसे भुला पाना उसके लिए
लगभग नामुमकिन था।
आज भी वह चाहता था
कि किसी दिन वह उससे मिले।
हर रोज़ भगवान से यही दुआ करता था,
लेकिन कहीं न कहीं
उसे अब कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती थी।
इन सब बातों को सोचना और लिखना
उसके लिए बहुत तकलीफ भरा था।
लेकिन अगर उसके दिल में कभी
सच में कुछ रहा हो उसके लिए,
तो वह हमेशा उसका ही भला चाहेगा
चाहे उसके व्यवहार को वह इंसान
गलत ही क्यों न समझे।
उसके मन में यह अफ़सोस हमेशा रहेगा
कि उसे सही समय पर समझा नहीं गया।
लेकिन अब वह मान चुका था
कि यह उसका समय नहीं,
बल्कि उसका समय है।
और उसकी ज़िम्मेदारी बनती है
कि वह उसे समझे
बिना किसी शिकायत के।
चाहे अब उनका संपर्क हो या न हो,
वह इंसान हमेशा उसके मन में रहेगा।
जो कुछ भी वह उसके लिए महसूस करता है,
वह कभी कम नहीं होगा
बल्कि समय के साथ और बढ़ता ही रहेगा।
उसने उसे बहुत कुछ सिखाया था,
इसके लिए वह दिल से उसका आभारी था।
उसके मन में न कोई नाराज़गी थी,
न कोई गुस्सा।
दिल में बस एक ही चाह थी
कि वह उसे बहुत सारा प्यार दे पाता।
और अंत में उसके मन में एक दुआ रहती है
शायद भगवान ने उसके लिए
उससे भी ज़्यादा प्यार करने वाला
कोई और इंसान बनाया हो।
वह बस यही चाहता है
कि उसकी ज़िंदगी प्यार, सुकून
और ढेर सारी खुशियों से भरी रहे।
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